जितना तुमने समझा उतनी दूर नहीं थे हम



मुझे नहीं पता की ये बिगड़ गया या सुधर गया
बस अब ये दिल किसी का भरोसा नहीं करता


जीत किसके लिए,हार किसके लिए,जिन्दगी भर यह तकरार किसके लिए
जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन फिर ये अहंकार किसके लिए 


तूफ़ान भी आना ज़रूरी है ज़िन्दगी में तब जाकर पता चलता है कौन
 हाथ छुड़ाकर भागता है और .कौन हाथ पकड़कर भागता है 


खूबियाँ इतनी तो नही हम मे,कि तुम्हे कभी याद आएँगे
.पर इतना तो ऐतबार हैहमे खुद परआप हमे कभी भूल नही पाएँगे


जिंदगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशाक्योंकि उदास
 दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं


तुम हमें जान पाओ,तुम्हें इतनी फ़ुरसत कहाँ थी
और हम तुम्हें भुला पाते,इतनी हममें जुररत कहाँ थी


मुझे छोड़कर वो खुश हैं, तो शिकायत कैसी 
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी 


हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का 
कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो


यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे मेरे आज से मगर 
कभी-कभी बीता हुआ कल बहुत याद आता है


किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है


मुझे छोड़कर वो खुश हैं, तो शिकायत कैसी अब 
मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी


उसकी जुदाई को लफ़जों में कैसे बयान करूं वो रहता
 दिल में है धड़कता दर्द में है और बहता आँसुओं में है


तुम मुझमें पहले भी थे तुम मुझमें अब भी हो.फर्क बस इतना है
पहले मेरे लफ़्ज़ों मे थे अब मेरी खामोशियों मे हो


काश! एक बार आवाज तो दि होती हमे हम तो 
वहां से भी लोट आते जहां से कोई नहीं आता


अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती 
लोग मरने की आरज़ू ना करते अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती


लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो कल मे आज जैसी बात हो ना हो आपका
 प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा,चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो


तेरी मोहब्बत से लेकर तेरे अलविदा कहने तक मेंने 
सिर्फ तुझे चाहा है तुझसे कुछ नहीं चाहा


हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं तुझसे 
मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं