जो मेरा ना हुआ वौ कीसि और का कया हौगा



उनकी नादानी की हद ना पूछिए जनाब, हमें खोकर, हमारे जैसा ढूंढ रहे हैं वो

दुनिया के रुठ जाने से मुझे कोई तकलीफ नही.एक तेरा खामोश रहना तकलीफ देता है मुझे

अजीब जुल्म करती है , तेरी यादें मुझ पर , सो जाऊं तो उठा देती है ।। और जाग जाऊँ तो रुला देती है

बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना , कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में

तकलिफ ये नही की तुम रुठ गयी तकलिफ ये है कि तुम बहाना गलत बता गयी

हम प्यार पे प्यार लुटाते गए और वो .....धीरे धीरे हमे ही मिटाते गए

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में; कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा

इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से, वो होता है, और होकर ही रहता है

उस की याद आई है, साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है

चले जानै दौ उस बैवफा कौ; कीसि और की बाहौं मै;ईतनी चाहत कै बाद जो  मेरा ना हुआ वौ कीसि और का कया हौगा

परिंदों को नही दी जाती तालीम उड़ानों की,वो खुद ही तय करते है मंजिल आसमानों की

वस्त्र बदलकर आने वालों! चाल बदलकर जाने वालों चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी जैसे रात उतार चांदनी पहने सुबह धूप की धोती

नहीं मिलती ख़ुशी हर वक्त मेरे दोस्त.गर कभी मिले गम,तो उन हसीं पल को याद कर के मुस्कुरा देना

कितने ही अच्छे हो कागज पानी के रिश्ते,कागज की नावों से दरिया पार नहीं होता,

इस दुनिया में अच्छे लोगो का ही बहुमत है,ऐसा अगर न होता तो ये संसार नहीं होता,

जिंदगी में अपनों से बड़ों को प्रणाम करना सीखिये,कहा जाता है की प्रणाम “परिणाम” बदल देता है

वो वक्त गुजर गया जब मुझे तेरी मोहब्बत की आरजू थी.अब तू खुदा भी बन जाए, तो मैं तेरा सजदा न करूंगा

आजकल की नादानी भी सच में बेमिसाल है,अँधेरा दिल में है और लोग दिए मंदिरों में जलाते है

बहुत कमियां निकालने लगे हैं हम दुसरो में चलो जरा एक मुलाकात आईने से भी हो जाये

सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे

दिल से जिस दिन निकालोगे उस दिन तुम्हें मानेगे,यू नज़र अंदाज़ करना कोई कमाल तो नहीं